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मौलिक तत्व
नैतिक आचरण से चित्त की सुख प्राप्ति
चौदहवें दलाई लामा
स्नेह जैसे सार्वभौमिक मूल्यों पर आधारित धर्मनिरपेक्ष नैतिकता सुख की कुंजी है।
एस.ई.ई. लर्निंग: सार्वभौमिक मूल्यों सम्बंधी प्रशिक्षण कार्यक्रम
मैट लिंडेन
एमोरी विश्वविद्यालय में सार्वभौमिक मूल्यों की शिक्षा के कार्यक्रम का संक्षिप्त विवरण।
चार आर्य सत्य क्या हैं?
डा. अलेक्ज़ेंडर बर्ज़िन, मैट लिंडेन
बौद्ध शिक्षाओं की आधारभूत रूपरेखा।
गहराई से बोध करना चाहते हैं?
तिब्बती बौद्ध धर्म के बारे में और अधिक जानें
तिब्बती बौद्ध धर्म
भय: अशांतकारी मनोभावों को कैसे निपटें
डा. अलेक्ज़ेंडर बर्ज़िन
भय के अनेक स्वरूप और उसकी उत्पत्ति के अनेक कारण होते हैं, किन्तु कुशल विधियों का उपयोग करके हम भय पर विजय प्राप्त कर सकते हैं और शांतिपूर्ण, सुखपूर्ण जीवन व्यतीत कर सकते हैं।
चार आर्य सत्यों का सिंहावलोकन
डा. अलेक्ज़ेंडर बर्ज़िन
दुख की समस्या और उसे हल करने के तरीकों के बारे में बुद्ध के असाधारण दृष्टिकोण चार आर्य सत्यों का परिचय।
Document
तांत्रिक दीक्षा के लिए परामर्श
डा. अलेक्ज़ेंडर बर्ज़िन
दीक्षा ग्रहण करने की क्रियाविधि हमें सफल तंत्र साधना के लिए तैयार करती है।
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बौद्ध शिक्षाओं का गहन अध्ययन करें।
उन्नत अध्ययन
धर्म के चार प्रमाण-चिह्न
डा. अलेक्ज़ेंडर बर्ज़िन
"चार विशिष्ट लक्षण" शब्दावली का अर्थ है वे चार अभिलक्षण या विशेषताएँ जो बुद्ध की शिक्षा के आधार पर जीवन के प्रति बौद्ध परिप्रेक्ष्य युक्त दृष्टिकोण को परिभाषित करते हैं।
Document
बौद्ध धर्म तथा अद्वैत वेदांत में अद्वैतवाद
डा. अलेक्ज़ेंडर बर्ज़िन
विभिन्न बौद्ध सिद्धांत प्रणालियों और गैर-बौद्ध अद्वैत वेदांत प्रणाली में अद्वैत की व्याख्याएँ पृथक-पृथक हैं क्योंकि यथार्थ के बारे में उनकी समझ ही अलग-अलग है।
Document
पीले टोप का चलन कैसे शुरू हुआ
डा. अलेक्ज़ेंडर बर्ज़िन
पीली टोपी पहनने की तिब्बती मठवासी परंपरा 11 वीं शताब्दी में भिक्षुओं के अभिषेक के पुनरुद्धार के साथ प्रारम्भ हुई और बाद में गेलुग परंपरा द्वारा नवीकृत मठीय शुद्धता के प्रतीक के रूप में अपनाई गई।
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आत्मा के विषय में सांख्य एवं न्याय दर्शनों के अभिकथन तथा उनका बौद्ध धर्मी खंडन
डा. अलेक्ज़ेंडर बर्ज़िन
बौद्ध धर्म सहित सभी भारतीय परंपराएँ आत्मा की प्रकृति के विषय में बात करती हैं। इस विषय पर सटीक और निर्णायक बोध प्राप्त करने के लिए सांख्य एवं न्याय दर्शन जैसी ग़ैर-बौद्ध धर्मी उक्तियों की जाँच करनी होगी एवं उनके बौद्ध धर्मी सिद्धांतों से तुलना करनी होगी।
बोधिसत्त्व क्या है?
त्सेनशाब सेरकोँग रिंपोछे द्वितीय, मैट लिंडेन
बोधिसत्त्वों का परिचय, अर्थात् वे जिनका लक्ष्य है सभी सत्त्वों को लाभान्वित करने हेतु ज्ञानोदयप्राप्ति करना
Document
शिक्षकों और अनुवादकों से भी कभी-कभार भूल हो जाती है
त्सेनशाब सेरकोँग रिंपोछे
शिक्षकों या अनुवादकों द्वारा संयोगवश कुछ गलत कह देने से भ्रान्ति उत्पन्न हो सकती है।
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