तिब्बती बौद्ध परम्पराओं के बीच क्या अन्तर हैं?
डा. अलेक्ज़ेंडर बर्ज़िन
चारों तिब्बती परंपराओं में बहुत अधिक सामान्यताएँ हैं, और उनके अधिकांश भेद बोध सिद्धांत, वैचारिक या निर्वैचारिक बोध प्राप्त शून्यता, एवं शून्यता की निर्वैचारिक बोध प्राप्ति की विधियों के निर्वचनों तक ही सीमित हैं।