आधुनिक विश्व में बौद्ध धर्म की प्रासंगिकता

क्या बौद्ध धर्म हमारे इस आधुनिक विश्व में प्रासंगिक है? सबसे पहले तो अत्यंत रोचक बात यह है कि हम सामान्यतः जीवन में बौद्ध धर्म की प्रासंगिकता के बजाय आधुनिक जीवन में बौद्ध धर्म की प्रासंगिकता के बारे में बात कर रहे हैं। क्या हमारे आधुनिक जीवन में कोई ऐसी विशेष बात है? निश्चित रूप से सेलफ़ोन और अन्य प्रौद्योगिकी हैं - पुराने समय की तुलना में आधुनिक जीवन की ये गोचर वस्तुएँ भिन्न हैं। केवल पंद्रह साल पहले की बात है कि मोबाइल फ़ोन नहीं होते थे - परन्तु सदा से मनुष्य की स्थिति सामान्य रूप से एक जैसी ही रही है। लोगों के बीच झगड़े होते रहे हैं। लोग दुखी और हताश होते रहे हैं। लोगों को एक-दूसरे के साथ प्रगाढ़ संबंध आसान नहीं लगते। प्रत्येक व्यक्ति का जीवन, किसी न किसी प्रकार से, चिंतायुक्त रहा है; वर्तमान समय में हम आर्थिक कठिनाइयों से चिंतित हैं, सहस्रों वर्ष पूर्व हम अकाल के कारण फ़सल खराब होने के भय से त्रस्त थे। बौद्ध-धर्म के पास देने के लिए कुछ न कुछ अवश्य है और, न केवल वर्तमान समय में अपितु हमेशा।


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