“हीनयान” और “महायान” शब्द
डा. अलेक्ज़ेंडर बर्ज़िन
"हीनयान" 18 बौद्ध सम्प्रदायों के लिए एक जातिवाचक संज्ञा बन गया है, जिनमें से केवल एक विद्यमान है, जिसके ग्रन्थ पालि, थेरवाद में हैं। इसी प्रकार "महायान" भी कई सम्प्रदायों को अपने में समाहित करता है, और ऐसा नहीं है कि सभी सम्प्रदायों के ग्रन्थ संस्कृत में हैं।