प्रार्थनाएं और अनुष्ठान

बौद्ध साधना का मुख्य उद्देश्य हमारे विनाशकारी भावों को खत्म करके हमारे सकारात्मक पक्ष को समृद्ध करते हुए हमारे चित्त को परिवर्तित करना है। हालाँकि केवल प्रार्थना और अनुष्ठानों के द्वारा ऐसा करना सम्भव नहीं है, किन्तु इनसे हमारी ध्यान साधना और अध्ययन में सहायता मिलती है और हमारे धार्मिक कार्यकलाप व्यवस्थित होते हैं। बैद्धिक, भावनात्मक और विकास सम्बंधी अवयवों के संतुलन से हमारी बौद्ध साधना और अधिक समग्रता के साथ परिपूर्ण होती है।
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