इस गम्भीर संकट की घड़ी में हम हमारे स्वास्थ्य को लेकर आशंकित तथा परिवार एवं मित्रों को खोने से संतप्त हैं। इसी प्रकार आर्थिक अस्थिरता सरकारों को एक गम्भीर चुनौती दे रही है तथा अनेक लोगों का गुज़ारा करना दुष्कर हो रहा है।
ऐसे समय में हमें एक मानव-परिवार के सदस्यों के रूप में एकजुट करने वाले तथ्यों पर ध्यान केन्द्रित करना होगा। तदनुसार, हमें एक-दूसरे के साथ करुणापूर्वक व्यवहार करना चाहिए। मनुष्य के रूप में हम सब एक समान हैं। हम सभी भय, आशा और अनिश्चितताओं का समान रूप से अनुभव करते हैं तथा सुख की आकांक्षा से एकजुट बने रहते हैं। हमारे विवेक तथा वस्तुस्थिति को यथार्थ रूप में देखने की मानवीय क्षमता हमें कठिनाइयों को अवसरों में परिवर्तित करने की शक्ति प्रदान करती है।
वर्तमान संकट और इसके दुष्परिणाम हमें सचेत कर रहे हैं कि हम सब केवल एक साथ मिलकर समन्वित, वैश्वविक प्रतिक्रिया द्वारा इन अभूतपूर्व विशाल चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। मैं प्रार्थना करता हूँ कि हम सब “एकजुट होने का आग्रह” पर ध्यान दे पायेंगे।
दलाई लामा, १ मई, २०२०