अतिशा (982 - 1054) ने करुणा पर समस्त बौद्ध शिक्षाओं को इंडोनेशिया से पुनःप्राप्त किया और भारत में उनका पुनःप्रसार किया। उन्हें तिब्बत में बौद्ध धर्म के बारे में मिथ्याबोध को दूर करने के लिए आमंत्रित किया गया, जहाँ उन्होंने बुद्धक्षेत्र की शिक्षाओं की पुनःस्थापना की। तिब्बत में कदम्पा परम्परा का प्रारम्भ उनके शिष्यों से माना जाता है।
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