शाक्यमुनि बुद्ध ने 2500 से अधिक वर्षों पहले भारत और नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में अपना जीवन व्यतीत किया। बुद्ध ने अपने व्यक्तिगत अनुभव और गहन ध्यान साधना के माध्यम से सत्य के वास्तविक स्वरूप का साक्षात्कार किया। इसकी सहायता से उन्होंने स्वयं को अपने समस्त भ्रमों और दोषों से मुक्त करते हुए अपनी अन्तर्निहित शक्तियों को सिद्ध किया और ज्ञानोदय को प्राप्त हुए। बुद्ध का शेष जीवन दूसरों को अपने मार्ग पर चलते हुए जीवन के दुखों से मुक्ति पाने की शिक्षा देते हुए बीता।