चौथा आर्य सत्य: सत्य मार्ग
डा. अलेक्ज़ेंडर बर्ज़िन
अपने अस्तित्व के बारे में हमारी भ्रांत धारणाओं के समानांतर किसी भी सत्ता का सम्पूर्ण निर्वैचारिक बोध ही हमारे चित्त का वास्तविक मार्ग है जो हमें अपने दुःख सत्यों के वास्तविक कारणों के सत्य निरोध तक पहुँचाता है।