हम चाहे किसी भी स्थिति में हों, हम सभी सुख को अनुभव करना चाहते हैं। लेकिन एक ऐसा मूलतः सुखी व्यक्ति कैसे बना जाए जो जीवन की हर परिस्थिति का सामना करना जानता हो? यहाँ कुछ बौद्ध नुस्खे सुझाए गए हैं:
- हर दिन कुछ समय शांतिपूर्वक बिताएं – अपने श्वास पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्वयं को शांत करें।
- जब आप दूसरों के साथ हों तो अपने व्यवहार और वाणी के प्रति सजग रहें; जब अकेले हों तो ध्यान दें कि आपके चित्त में क्या चल रहा है – मन, वचन और कर्म से सकारात्मक व्यवहार करने का प्रयास करें।
- हर दिन किसी के लिए कोई अच्छा काम करें – उनके सुख के लिए ईमानदारी से मन में खयाल रखें।
- दूसरों के प्रति उदार बनें – इससे आपका आत्म सम्मान बढ़ेगा।
- स्वयं अपनी और दूसरों की अच्छाइयों पर ध्यान दें – समस्याएं उत्पन्न होने पर उपयोगी सुझाव दें।
- दूसरों की गलतियों को भुला दें – दूसरों को क्षमा करने का अभ्यास करें।
- अपनी गलतियों को भुला दें – स्वयं को भी क्षमा करने का अभ्यास करें।
- यथार्थ को स्वीकार करें – जीवन उतार-चढ़ावों से भरा है, लेकिन परिस्थितियाँ कितनी ही प्रतिकूल क्यों न हों, समय हमेशा एक सा नहीं रहता।
सुखी होने का भाव अपने-आप उत्पन्न नहीं हो जाता है; उसके लिए परिश्रम करना पड़ता है। लेकिन अभ्यास करके कोई भी व्यक्ति सुखी जीवन जी सकता है।