"सद" और "असद" या "सकारात्मक" और "नकारात्मक" की परिभाषाएं
हम नकारात्मक मनोभावों को कैसे नियंत्रित करें? यह एक महत्वपूर्ण विषय है- जो यह प्रश्न उठाता है कि सकारात्मक क्या है और नकारात्मक क्या है। क्या कुछ ऐसा है जो पूर्णतः नकारात्मक है या पूर्णतः सकारात्मक? वास्तव में मैं नहीं जानता। सब कुछ परस्पर निर्भर है और उसके विभिन्न आयाम हैं। एक द्रष्टा किसी चीज को एक कोण से देखता है और उसे एक पक्ष दिखाई देता है, परन्तु वही प्रेक्षक, जब दूसरी ओर से देखता है तो उसे चीजें भिन्न कोण से दिखाई देती हैं।
तब,ऐसा क्यों है कि प्रत्येक व्यक्ति का विश्व के विषय में भिन्न दृष्टिकोण है ? ऐसा इसलिए क्योंकि हममें से प्रत्येक व्यक्ति विश्व को भिन्न कोण से देखता है। यहां तक कि वही वस्तु उसी व्यक्ति को भी भिन्न-भिन्न प्रतीत होती है। अतः, सद और असद के बीच क्या विभेद और परिभाषा है? - मैं नहीं जानता। एक चींटा भी इसका विश्लेषण नहीं करता। परन्तु, फिर भी, यह समझता है कि जो उसे जीवित रखने में सहायक है वह अच्छा है और वह उसे अच्छा मानता है; और जो उसके जीवन के लिए घातक है वह उसे बुरा मानता है और उससे कतरा कर निकल जाता है।
अतः, संभवतः हम कह सकते हैं कि अच्छे और बुरे की परिभाषा उत्तरजीविता पर निर्भर है। हम आराम और सुख चाहते हैं और इसलिए जो जीवित रहने में सहायक है, उसे हम अच्छा मानते हैं- वह सकारात्मक है। जो चीज हम पर हमला करती है और जिसे हम जीवित रहने के लिए खतरा मानते हैं- हमें लगता है कि वह बुरी है- वह नकारात्मक है।