भय के दानव को पोषित करना और उसे वश में करना

यह विधि त्सुलतिम एलियोन की क्रिया से प्रेरित है और इसे संशोधित करके धर्म-रक्षक के प्रति “परिपूर्ण करने और स्वस्थ करने” के अनुष्ठान के अनुरूप बनाया गया है।

  • यह पता लगाने का प्रयास करें कि आपको सबसे अधिक भय और चिंता किस चीज़ के कारण होती है – उदाहरण के लिए, अकेलापन और यह भावना कि कोई भी मुझे प्रेम नहीं करता है – और कल्पना करें कि वह भय या चिंता उस दानव का रूप धारण कर रहा है जो आपको परेशान किए हुए है और आपके भय का कारण बना हुआ है।
  • कल्पना करें कि वह दानव आपके भीतर से निकल कर आपके सामने खड़ा हो गया है। उससे पूछें कि वह क्या चाहता है।
  • कल्पना करें कि आप उस दानव का पोषण इस रूप में कर रहे हैं कि उसे जो चाहिए वह आप उसे प्रदान कर रहे हैं – इस संदर्भ में उसे प्रेम और स्नेह का पोषण देने की कल्पना करें।
  • दानव के साथ सम्बंध जोड़ लें और उसे यह दायित्व सौंपें कि भविष्य में वह आपकी इस भय से रक्षा करे कि कोई भी आपसे प्रेम नहीं करता।
  • इस बात को समझते हुए कि यदि आप इस दानव को नियमित रूप से पोषित नहीं करेंगे, तो यह फिर आपके ऊपर हमला करेगा, इस बात की सहमति जताएं कि आप भविष्य में उसे नियमित रूप से संतुष्ट रखेंगे। इसके लिए निम्निलिखित कार्यों को करने की आवश्यकता होगी:
    • उसके प्रति चैतन्य रहना,
    • उसे स्पष्ट तौर पर स्वीकार करना, खेद व्यक्त करना, और यह वचन देना कि यदि आपने उसकी अनदेखी की हो तो ऐसी अनदेखी आप दोबारा नहीं करेंगे,
    • इस प्रकार उसके साथ घनिष्ठता का सम्बंध स्थापित करना,
    • उसे पुनः पोषित करना
    • उसे स्मरण कराना कि उसने आपकी रक्षा करने का वचन दिया है।
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