बौद्ध धर्म अकसर ध्यान के साथ जोड़ा जाता है। लेकिन यह सोचने के तरीकों में विभिन्न अंतर्दृष्टियां भी प्रदान करता है जो कि किसी भी क्षेत्र में लागू की जा सकती हैं। चलिए कुछ बौद्ध धर्मी सिद्धांतों पर नज़र डालें जो हमें किसी परियोजना या व्यापार को चलाने में सहायता कर सकते हैं।
लक्ष्य को परिभाषित करना
बौद्ध धर्म, बौद्ध धर्मी अभ्यास में शामिल होने से पहले लक्ष्य और दिशा की स्पष्ट समझ होने पर बहुत जोर देता है। अशांत करने वाली भावनाओं से अपने आपको पूरी तरह से मुक्त करना और अपने दिलो-दिमाग की पूरी संभावना का अहसास इसका लक्ष्य है। यह अंतिम अवस्था “ ज्ञानोदय ” कही जाती है।
इसी तरह, जब हम कोई परियोजना या व्यापार शुरू करते हैं, लक्ष्य को परिभाषित करना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। क्या यह मुनाफ़ा है? क्या ग्राहकों के लिए निश्चित आदर्श तैयार करना है या उनकी किसी कठिन समस्या का समाधान करना है? जितना सटीक लक्ष्य परिभाषित होता है, उतना ही आसान उस लक्ष्य तक पहुँचने के रास्ते का पता करना होता है और लक्ष्य तक पहुँचने की संभावना भी उतनी ही अधिक होती है।
कार्य और कारण के सिद्धांत का पालन करना
जैसे ही लक्ष्य परिभाषित हो जाता है, हमें उन कारणों का पता लगाने की आवश्यकता होती है जो इस लक्ष्य तक पहुंचाएंगे। ज्ञानोदय के लिए, कारण हमारे विनाशकारी व्यवहार को रोकेंगे और दुनिया को समझने और इससे पेश आने के रचनात्मक, यथार्थवादी तरीकों से हमारा परिचय कराके हमारे चित्त के अच्छे गुणों को विकसित करेंगे।
व्यापार परियोजना के मामले में, हमें कारणों का पता लगाने के लिए तर्क का उपयोग करने की आवश्यकता होती है जो हमें हमारे अंतिम लक्ष्य तक पहुंचाएगा। यह प्रक्रिया उत्क्रम इंजीनियरिंग की भांति है। हम कृत्यों के तार्किक क्रम का वापिस पता लगाना शुरू करते हैं जो एक निश्चित लक्ष्य तक पहुंचाएगा। यह प्रक्रिया लक्ष्य प्राप्ति के लिए आवश्यक सोपानों को परिभाषित करने में मदद करती है और परियोजना के मानचित्र के लिए अच्छा आधार बनाती है।
करुणा: ग्राहक-समस्या का समाधान करें
करुणा बौद्ध धर्मी सिद्धांतो में सबसे महत्वपूर्ण है। बुद्ध की शिक्षाओं के अनुसार,
करुणा दूसरे लोगों के उनके दुखों से मुक्ति पाने की कामना है।
व्यापार से इसका क्या लेना-देना है? व्यापार ग्राहक की समस्या का समाधान प्रदान करता है। यदि व्यापार द्वारा प्रदत्त समाधान अन्य प्रचलित समाधानों से बेहतर है, तो यह प्रतिद्वंदिता दौड़ जीत जाता है। इसलिए, अपने संभाव्य ग्राहकों की समस्या को समझना और इसके प्रति समानुभूति वाला नजरिया रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमें अपने लक्ष्य-समूह के जीवन की किसी वास्तविक समस्या का पता लगाना और हमेशा उसको समझना चाहिए और उस समझ के आधार पर इस समस्या का समाधान सबसे अच्छे तरीके से करने की कोशिश करनी चाहिए। व्यापार के लिए ग्राहक-सर्वप्रथम या उपयोगकर्त्ता-केंद्रित रवैये के लिए करुणा बुनियाद है।
परिवर्तनशीलता : बदलती दुनिया के अनुकूल बनना
बौद्ध धर्मी विश्लेषण यथार्थ की एक अन्य महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि हमारे सामने लाता है: हर चीज़ हमेशा बदलती है- हम स्वंय, परिवेश, और हमारे आस-पास सभी लोग। किसी विचार के साथ जुड़ जाना बहुत आसान है जो प्रत्यक्ष और ठोस जान पड़ता है; लेकिन, तेज़ी से बदलते यथार्थ में, यह अकसर संकुचित विचार वाली सोच, अड़ियलपन और अनमनीयता का कारण बनता है।
नेटफ्लिक्स का उदाहरण ही लें। उन्होंने महसूस किया कि इंटरनेट ने मीडिया उपभोग के प्रतिमानों को बदल दिया है। परंपरागत सोच वालों के पास विडियो कंटेंट देखने के लिए एक ही समाधान था: डीवीडी को किराये पर लेना। लेकिन नेटफ्लिक्स ने जान लिया कि इसके लिए एक आसान रास्ता है- विडियो स्ट्रीमिंग। समूचा मीडिया उपभोग उद्योग बाज़ार और उपयोगकर्त्ता की आदतों की परिवर्तनशीलता को नहीं समझ सका। किंतु नेटफ्लिक्स ने इसे सबसे पहले समझा, और समूचे उद्योग को हमेशा के लिए बदल दिया।
नैतिकता: स्वंय अपना, अपनी टीम और उपभोक्ता का सम्मान करें
बौद्ध धर्मी नैतिकता अहिंसा के सिद्धांत पर आधारित है। हम महसूस करते हैं कि हर कोई सुखी होना चाहता है और दुःख नहीं झेलना चाहता है। यदि हम इस समझ को अपने कृत्यों का आधार बनाएं और दूसरे लोगों को नुकसान पहुँचाने से बचने की कोशिश करें, तो हम उनका सम्मान और विश्वास प्राप्त करते हैं।
यदि हम अपने सहकर्मियों का सम्मान करते हैं, तो यह टीम में विश्वास और समझ लाता है। हम लोगों के पीठ पीछे या उनके सामने कुछ भी अप्रिय बोलने से बचने का प्रयत्न करते हैं, और पारदर्शी रहने का प्रयत्न करते हैं।
आगे, हम जितना अपने ग्राहक का सम्मान करते हैं, उतना ही विश्वास और निष्ठा हम वापिस पाते हैं। ज़प्पोस जैसी महान कंपनियों ने ग्राहक की आवश्यकताओं के सम्मान और कमर्चारियों के बीच समचित्तता और पारदर्शिता पर अपने व्यापार प्रतिदर्श को आधारित किया।
सारांश
हम अपने व्यापार को मजबूत बनाने के लिए 5 बौद्ध धर्मी सिद्धांतों का उपयोग कर सकते हैं। ये सिद्धांत हैं:
- लक्ष्य को परिभाषित करना
- कार्य-कारण सम्बन्ध पर भरोसा करना
- ग्राहक के लिए संवेदना और करुणा विकसित करना
- परिवर्तनशीलता को दिमाग में रखना और लचीला एवं नवपरिवर्तनशील बनना
- नैतिक सिद्धांतों का अनुपालन करना और सहकर्मियों एवं ग्राहकों का सम्मान करना।