"सप्तांग साधना" की व्याख्या

आज शाम मैं शान्तिदेव के ग्रन्थ, बोधिसत्त्वचर्यावतार, के विषय पर हमारी प्रत्येक कक्षा के प्रारम्भ में किए जाने वाले प्राथमिक अभ्यासों को अत्यंत सहज रूप में व्याख्यायित करना चाहूँगा। इनमें सप्तांग साधना शामिल है जिसका स्रोत यही ग्रन्थ है। धर्म के विषय में सुनने और उसे सीखने से पहले इन प्राथमिक अभ्यासों को करने से हम एक उपयुक्त ग्रहणशील चित्तावस्था विकसित कर पाते हैं। घर पर की जाने वाली ध्यान-साधना या धर्म अध्ययन सत्रों से पहले भी हम यही अभ्यास करते हैं।

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