बुद्धयुगीन भारतीय समाज और विचार
डा. अलेक्ज़ेंडर बर्ज़िन
युद्धरत गणराज्यों और साम्राज्यों के बीच भारी राजनैतिक उथल-पुथल के दौरान बुद्ध सहित कई लोग "श्रमणों" - घुमन्तू भिक्षु आध्यात्मिक साधक - में शामिल हो गए। तत्कालीन पाँच श्रमण विद्यालयों में बौद्ध-धर्म पाँचवाँ बन गया था।