लाम-रिम के क्रमिक स्तर का अध्ययन

लाम-रिम का सार है त्रिविधम् मार्ग या अनुबोध के तीन मार्ग जिन्हें उस क्रम में श्रेणीबद्ध किया जाता है जिस क्रम में हम उन्हें विकसित करते हैं। चित्त के ये तीन मार्ग हैं निःसरण या संसार की संस्कारदुःखता (सर्वव्यापी प्रभावशाली दुःख) से मुक्त होने का दृढ़ संकल्प, बोधिचित्त का लक्ष्य या परहित हेतु ज्ञानोदय प्राप्ति की आकांक्षा, एवं शून्यता या धर्म का वास्तविक बोध।

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