भविष्य में मैत्रेय बुद्ध का आगमन होगा। उससे पहले बहुत कम समय बचा है। प्रस्तुत संसार युग में भविष्यवाणी की गई है कि सार्वभौमिक गुरुओं के रूप में 1000 बुद्धजन आएँगे, और वे सभी ऐसे समय पर आएँगे जब मानव जीवन अवधि घट रही होगी। प्रस्तुत संसार युग में मानव जीवन अवधि आवर्ती चक्रों से होकर निकलती है और वर्तमान बुद्ध, बुद्ध शाक्यमुनि, उस समय आए थे जब मानव जीवन अवधि अपने उतार पर घटकर 100 वर्ष रह गई थी । अभी बुद्ध शाक्यमुनि की शिक्षाओं का ही काल चल रहा है। इस कल्प के हज़ार बुद्धजनों में से वर्तमान बुद्ध, बुद्ध शाक्यमुनि, इन बुद्धजनों के चौथे बुद्ध हैं तथा इनसे पहले बुद्ध कश्यप एवं दो अन्य बुद्ध हुए हैं, पहले और दूसरे, और बुद्ध मैत्रेय इन 1000 बुद्धजनों के पाँचवे बुद्ध होंगे।
भविष्य में मानव जीवन अवधि घटेगी और तब तक घटती जाएगी जब तक वह केवल दस साल की न रह जाए। भविष्य का समय बद से बदतर होता जाएगा। लोगों की जीवन अवधि लघुतर होती जाएगी। जीवन चक्र में वे अपनी जीवन अवधि लघुतर कालावधि में पूरी कर लेंगे जिससे कालान्तर में वे अपना सम्पूर्ण जीवन दस वर्षों में जी लेंगे; और इसी प्रकार वे कद में छोटे हो जाएँगे तथा संसार एक अत्यंत भयावह स्थिति में पहुँच जाएगा। इस भविष्यकाल में लोग अत्यधिक आक्रामक तथा लड़ाकू हो जाएँगे और सदैव एक दूसरे के साथ झगड़ते रहेंगे। सभी लोगों का कद बहुत ही छोटा हो जाएगा।
परन्तु फिर, उस भयावह काल के बाद, समय बदलेगा और फिर मनुष्य जीवन की अवधि बढ़नी शुरू हो जाएगी। यदि आप पूछें कि उस काल में समय किस प्रकार बदलेगा, तो ऐसा इसलिए होगा क्योंकि मैत्रेय बुद्ध अवतरित होंगे, और वह एक अत्यंत सुन्दर और आकर्षक व्यक्ति का रूप धारण करेंगे। सब मैत्रेय को देखेंगे और उनके इतने सुन्दर और आकर्षक रूपाकार को देखकर कहेंगे तुम ऐसे किस प्रकार हुए? वे उनका उत्तर देते हुए कहेंगे कि मैं सदा प्रेम की ध्यान-साधना करने के परिणामस्वरुप इस प्रकार का सुन्दर व्यक्ति बन पाया | यद्यपि इस समय इन छोटे लोगों को प्रेम की ध्यान-साधना करने के विषय में कोई ज्ञान नहीं होगा, तथापि वे केवल "प्रेम" शब्द दोहराने लगेंगे और सब लोग "प्रेम" शब्द उच्चरित करेंगे | केवल "प्रेम" शब्द को इस प्रकार दोहराना भी अत्यंत हितकारी होगा और कालान्तर में लोगों की जीवन अवधि बढ़ने लगेगी तथा स्थिति सुधरने लगेगी।
फिर जैसे-जैसे जीवन अवधि बढ़ेगी, सांसारिक युगों के इस समयकाल में सार्वभौमिक सम्राट प्रकट होंगे जिनके पास विभिन्न प्रकार के सत्ताचक्र होंगे: किन्हीं के पास सुनहरे, किन्हीं के पास रुपहले, किन्हीं के पास ताम्बे के, और किन्हीं के पास लोहे के चक्र होंगे । यह इन महान सार्वभौमिक सम्राटों का समय होगा। कालान्तर में ऐसा समय आएगा जब लोग 80,000 वर्षों तक जीवित रहेंगे। इस अस्सी हज़ार वर्षों की चोटी तक पहुँचने के बाद जीवन अवधि पुनः घटनी शुरू हो जाएगी।
जब यह 80,000 वर्षों से घटने लगेगी, तब अगले बुद्ध, मैत्रेय, सार्वभौमिक गुरु के रूप में प्रकट होंगे। सभी बुद्धजन सार्वभौमिक गुरुओं के रूप में तब प्रकट होते हैं जब जीवन अवधि घटने लगती है और ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब परिस्थितियाँ बद से बदतर हो रही हों, लोग कोई उपाय ढूँढ़ते हैं और आध्यात्मिक विषयों की ओर उन्मुख होते हैं; जबकि, जिन समयकालों में जीवन अवधि बढ़ रही होती है और सबकुछ सुधर रहा होता है, तब किसी की भी रूचि आध्यात्मिक मार्ग ढूँढ़ने में नहीं होती। जिस समय मनुष्यों की जीवन अवधि 80,000 लम्बे वर्षों तक पहुँच जाएगी, ऐसे समय पर संसार में सबकुछ बहुत सुन्दर और सुखमय होगा; उदाहरण के लिए, भूमि पर विषम पर्वत और दुर्गम क्षेत्र नहीं होंगे, अपितु सबकुछ सुन्दर समतल भूमि के समान सुषमापूर्ण होगा ।
बुद्ध शाक्यमुनि को अत्यंत कठिन तपस्वी साधनाओं का प्रदर्शन करना पड़ा था, परन्तु यह बुद्ध मैत्रेय के समय में आवश्यक नहीं होगा, क्योंकि वे केवल कठिन साधनाओं का अति संक्षिप्त संकेत देंगे | ऐसा क्यों है? ऐसा इसलिए है, क्योंकि मैत्रेय - जिनके नाम का अर्थ है प्रेम - के समय में इस कठिन साधना की कम आवश्यकता होगी जो उनकी प्रेम की अत्यंत घनघोर साधना एवं ध्यान-साधना के कारण होगा और इसी पर वे विशेष बल देते हैं | यह उनकी प्रेम की घनघोर साधना का परिणाम है |
मैत्रेय ने प्रेम की एक लघु प्रार्थना रची थी, और वे सदा इसका अभ्यास और उच्चार करते रहे हैं, और इसी प्रकार, कई लोग इस प्रार्थना को उच्चरित करेंगे और भविष्य में आने वाली परिस्थितियाँ इन सभी प्रार्थनाओं का परिणाम होंगी | यदि हम इस वर्तमान समय में बुद्ध शाक्यमुनि की शिक्षाओं का अक्षरशः अनुसरण करें, तो इसके विशेष लक्षण के कारण हम भविष्यकाल में बुद्ध मैत्रेय के अग्रणी शिष्यों के रूप में पुनर्जन्म लेंगे |
यदि आप पूछें कि मैत्रेय बुद्ध सभी लक्षणों सहित सार्वभौमिक गुरु बनकर सर्वोच्च स्वरुप में कब अवतरित होंगे, तो जो समय मैंने बताया है वह सुदूर भविष्य में है | परन्तु मैत्रेय के साधारण प्रकार के अवतारों के रूप में, वे विभिन्न स्थितियों में विद्यमान हैं और निस्संदेह सभी के कल्याण के लिए वर्तमान समय में काम कर रहे हैं |