समस्याओं से जूझना

ज्ञान के मार्ग की रुकावटों को दूर करना

जैसे हमने कल चर्चा की थी, हमारा प्रयास है कि हम दूसरों की सहायता करने की इच्छा पैदा करें - बिना किसी रुकावट के दूसरों के साथ सीधा संपर्क स्थापित करें | इन रुकावटों को केवल लोगों के सन्दर्भ में नहीं, अपितु नए ज्ञान की प्राप्ति के सन्दर्भ में भी दूर करना होगा | प्रक्रिया एक जैसी है | इनका रुकावटों का दूर होना आवश्यक है ताकि हम अपने ज्ञान-रूपी अवरोध या अन्य किसी रुकावट से मुक्त होकर, स्वतंत्र हो पाएँ और वैयक्तिक ढंग से प्रत्येक अनुभव कर पाएँ | दूसरे शब्दों में, हो सकता है कि हम इस प्रकट रूप से पुख्ता "मैं" को भीतर ही संरक्षण दें और सोचें, "मैं केवल अपने ज्ञान-वर्धन के लिए प्रवचन सुनूँगा, ताकि मैं कुछ आश्चर्यजनक या रोचक सीख पाऊँ | परन्तु यदि मुझे अपने किसी भीतरी द्वंद्व का सामना करना पड़ेगा, तो मैं इस दीवार के पीछे छिप जाऊँगा |" हमें ऐसी दीवारें गिराने की भी आवश्यकता है |

तो इस प्रकार हम ज्ञान की ओर उन्मुख होने का और एक प्रकार के आत्म-रूपांतरण का प्रयास करते हैं ताकि हम उन लोगों की सहायता कर पाएँ जिनके प्रति हम वैयक्तिक स्तर पर मित्रवत हैं | जैसा हमने कल बताया था, हम इस प्रकार की हृदय की भावना पहले अपने आस-पास के लोगों को देखकर विकसित कर सकते हैं, चाहे वे इस कक्ष में अन्य लोग हों या दीवारों पर टँगे महात्मा बुद्ध के चित्र, और फिर, रुकावटों को दूर करके, एक गहनतर स्तर पर, अपने व दूसरों के साथ अपने संबंधों के रूपांतरण के प्रति प्रेरित हो सकते हैं |

आइए एक क्षण के लिए ऐसा करें | और कृपया, एकाग्रचित्त होकर ध्यान केंद्रित करें | हम यह नहीं चाहते कि हम यहॉं केवल बैठे हों और हमारा चित्त इधर-उधर भटक रहा हो |

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