अनवर सादात शांति व्याख्यान

मैं यहाँ कहना चाहूँगा कि मुझे बेहद खुशी है और अनवर सादात शांति व्याख्यान देना मेरे लिए सम्मान का विषय है। राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने अपने क्षेत्र में शांति की स्थापना के लिए सचमुच बड़े निर्णायक और साहसिक कदम उठाए, और मैं एक दूरी से उनका प्रशंसक बना रहा। आज उनकी विधवा से मेरी भेंट हुई और मुझे उनसे मिलकर बहुत खुशी हुई, यह एक बड़ा सम्मान था, और मैंने उन्हें बताया कि मैं उनके दिवंगत पति की कितनी सराहना करता हूँ। यदि उन्होंने अपने भीतर संदेह और घृणा का भाव रखा होता तो उनके लिए ऐसा साहस प्रदर्शित करना बड़ा कठिन रहा होता। दीर्घ अवधि के हितों पर केन्द्रित अधिक व्यापक और अधिक समग्र दृष्टिकोण सबसे अच्छा है ─ जिसमें आप अपने शत्रु का सम्मान कर सकें, उसके साथ संवाद कर सकें और उसके साथ हाथ मिला सकें और अपने बीच की भिन्नताओं और समानताओं को समझ सकें।

प्रत्येक व्यक्ति शांति की कामना करता है और कोई भी व्यक्ति समस्याएं या हिंसा नहीं चाहता है जो हमेशा दुख-तकलीफ का कारण बनती हैं। हिंसा का सबसे खराब पहलू यह है कि यह अप्रत्याशित होती है। एक बार हिंसा होने पर चाहे उसके पीछे की प्रेरणा भली ही क्यों न हो या उद्देश्य भला क्यों न हो, चूँकि हिंसा की विधि का प्रयोग किया गया, इसलिए उसके अप्रत्याशित परिणाम होंगे। हमेशा यही होता है। मैं मानता हूँ कि अनवर सादात के नाम पर इस आयोजन में बोलने का अवसर एक बड़े सम्मान की बात है, और मुझे यह अवसर प्रदान करने के लिए मैं विश्वविद्यालय को, और सम्बंधित आयोजकों को धन्यवाद देना चाहता हूँ।

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