ध्यान-साधना से पूर्व छः प्रारम्भिक अभ्यास

छ: अभ्यास साधनाएँ बहुत महत्त्वपूर्ण हैं और हमारी बौद्ध साधना को प्रारम्भ करने के लिए अपनेआप में पर्याप्त हैं। ये छ: अभ्यास साधनाएँ इस प्रकार हैं: (1) ध्यान-साधना कक्ष का शोधन करना एवं बुद्ध की काया, वचन, तथा चित्त के प्रतिरूपों को स्थापित करना, (2) अर्पण सामग्री को प्राप्त करना और उसे सुंदर सुव्यवस्थित ढंग से स्थापित करना, (3) ध्यान-साधना का उचित आसन लगाना, अष्टांग मुद्रा में बैठना, और तदोपरांत शरणागत होकर अपने बोधिचित्त लक्ष्य की पुनःपुष्टि करना, (4) आध्यात्मिक विकास के लिए पुण्यक्षेत्र का मानस-दर्शन करना, (5) सप्तांग प्रार्थना और मंडलार्पण का अभ्यास करना, और (6) हमारे मानसिक सातत्य को गुरु-परंपरा की प्रेरणा से अनुप्राणित करना।
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